कुकड़ेश्वर(सागर कथिरिया)-- खेती करना आज के समय में बहुत ही मुश्किल कार्य हो गया है क्योंकि जब तक किसान खेत में बुवाई करने के बाद फसल पकने तक का जो समय रहता है उसमें कई कठिनाइयों से होकर किसानों को गुजरना पड़ता है क्योंकि प्राकृतिक आपदा एवं कई प्रकार की मौसमी बीमारियों से फसलें गिरी रहती हैं जिसके कारण किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है मौसमी बीमारियों के कारण फसलों पर गहरा प्रभाव पड़ता है जिसके कारण फसलों की पैदावार बहुत कम होती हैं जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है बारिश के मौसम में सोयाबीन की फसल मैं इलियो तथा पौधे के पत्तों का पीला होना सोयाबीन की फसल की पैदावार पर असर डालता है जो किसनो परेशान करता है क्योंकि जिस उम्मीद के साथ किसान अपनी फसल को उगाता है वह बस यही सोचता है कि फसल की पैदावार अच्छी हो जिससे कि किसान के सपनों को साकार करने में थोड़ी मदद मिल सके लेकिन इस साल हो रही बारिश के कारण तथा मौसमी बीमारियों का प्रकोप फसल की पैदावार पर गहरा असर डाल सकता है जिसके कारण किसानों को अब थोड़ी बहुत उम्मीद सरकार से ही रहती है कि सरकार थोड़ी हमारी मदद करें
एक तरफ मौसम की मार दूसरी तरफ बीमारियों का प्रकोप करे तो क्या करे किसान।
Sagar meghwal
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